हार से ही जीत है
कौन कहता है सफलता जिन्दगी का गीत है
असफल हुआ न जो कभी,मानव नही वह पूर्ण है
कौन कहता है कि जीवन खुशियों का संगीत है
गम नही जीवन मे जिसके,मानव वह अपूर्ण है
गिर गए जो राह मे,तो क्या हुआ उठ जाओ तुम
जीवन का पथ कांटों भरा,कांटों से न घबराओ तुम
छिप गया है आज सूरज,क्या हुआ निकलेगा कल
कितनी भी काली रात हो,हर रात का है दिन ही हल
छोटा बहुत जीवन का पथ,न देख दुनिया को तू चल
क्या चाहता है मन तेरा,तू पहले अपने मन को पढ़
एक छोटा सा कदम,मंजिल तलक ले जायेगा
जो चल दिए कांटों पर तुम,पथ खुद-ब-खुद बन जायेगा
जिन्दगी ने जो दिया,हंसकर उसे स्वीकार लो
मेहनत करो इतनी,तुम्हारे तन मे जितनी जान हो
माना कि मंजिल दूर है,इसे हौसलों से कम करो
पक्के इरादे से सफर के विघ्न को तुम तोड़ दो
हार पर न तुम डिगो,असफलता पर न तुम रुको
जो न मिला,हासिल उसे दुगने परिश्रम से करो
संकल्प हो,एक लक्ष्य हो,मेहनत के संग-संग धैर्य हो
ये हो नही सकता रे मानव!भाग्य मे हलचल न हो
लोगों का कहना काम है,न उनकी बातों मे पड़ो
क्या दिल तुम्हारा कह रहा,ठहरो,सुनो,वो ही करो
भाग्य तो एक शब्द है,तुम कर्म से इसे अर्थ दो
हिम्मत,लगन,मेहनत से तुम,तकदीर अपनी खुद लिखो
कौन कहता है सफलता जिन्दगी का गीत है
असफल हुआ न जो कभी,मानव नही वह पूर्ण है
कौन कहता है कि जीवन खुशियों का संगीत है
गम नही जीवन मे जिसके,मानव वह अपूर्ण है
गिर गए जो राह मे,तो क्या हुआ उठ जाओ तुम
जीवन का पथ कांटों भरा,कांटों से न घबराओ तुम
छिप गया है आज सूरज,क्या हुआ निकलेगा कल
कितनी भी काली रात हो,हर रात का है दिन ही हल
छोटा बहुत जीवन का पथ,न देख दुनिया को तू चल
क्या चाहता है मन तेरा,तू पहले अपने मन को पढ़
एक छोटा सा कदम,मंजिल तलक ले जायेगा
जो चल दिए कांटों पर तुम,पथ खुद-ब-खुद बन जायेगा
जिन्दगी ने जो दिया,हंसकर उसे स्वीकार लो
मेहनत करो इतनी,तुम्हारे तन मे जितनी जान हो
माना कि मंजिल दूर है,इसे हौसलों से कम करो
पक्के इरादे से सफर के विघ्न को तुम तोड़ दो
हार पर न तुम डिगो,असफलता पर न तुम रुको
जो न मिला,हासिल उसे दुगने परिश्रम से करो
संकल्प हो,एक लक्ष्य हो,मेहनत के संग-संग धैर्य हो
ये हो नही सकता रे मानव!भाग्य मे हलचल न हो
लोगों का कहना काम है,न उनकी बातों मे पड़ो
क्या दिल तुम्हारा कह रहा,ठहरो,सुनो,वो ही करो
भाग्य तो एक शब्द है,तुम कर्म से इसे अर्थ दो
हिम्मत,लगन,मेहनत से तुम,तकदीर अपनी खुद लिखो
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 03 अप्रैल 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरी रचना की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।
Deleteअतिसुन्दर रचना! जीवन को एक नया आयाम देती हुई। चंद शब्द मेरे भी ग़ौर कीजिए
ReplyDeleteनभ में उड़ो स्वतंत्र तुम
पंखों में ऊर्जा भरो
मुड़ के न देखो एक पल
चलते चलो मंज़िल की ओर।
आभार।
Inspiring lines,Great and thanks.
ReplyDeleteब्लौगर फालौवर गैजेट जोड़े ताकि ब्लाग को फौलो किया जा सके।
ReplyDeleteसुन्दर रचना। डैशबोर्ड--सेटिंग्स --ले आउट-- गैजेट जोड़े ---अधिक गैजेट-- समर्थक
Thanking you for your motivation.
DeleteThanking you for your motivation.
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रेरक रचना ..
ReplyDeleteसराहना के लिए ह्रदय से धन्यवाद।
Deleteजीवन में असफलताएं भी हमें सीख देती हैं। हार नईं राहें.................
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
धन्यवाद।
Deleteधन्यवाद।
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